ओवरलोड वाहनों से संभागीय परिवहन विभाग (आरटीओ) की मिलीभगत से वसूली का एसटीएफ गोरखपुर ने भंडाफोड़ कर दो होटल मालिक धर्मपाल सिंह और मनीष सिंह समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पंद्रह साल से प्रदेश के 18 जिलों में वसूली के रैकट चल रहा था। रैकेट हर महीने 2500 वाहनों से एक करोड़ रुपये से अधिक की वसूली कर रहा है। प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने शासन स्तर से इसकी जांच एसटीएफ को सौंपी थी। इसके बाद से ही जांच में पूरे रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। गोरखपुर से बैठे दो होटल मालिक पूरे वसूली के खेल को चला रहे थे। रैकेट गाजियाबाद तक फैला है। दिल्ली से आने वाले वाहनों की भी रैकेट को जानकारी दी जाती है। दोनों होटल मालिक सभी जिले के आरटीओ के संपर्क में थे और अफसरों के आने पर होटल में ही ठहराते थे। मामला खुलने के बाद से आरटीओ महकमे में हड़कंप है। उधर, एसटीएफ की ओर से अफसरों और कर्मचारियों की सूची तैयार की जा रही है, जिनके खिलाफ कार्रवाई तय मानी जा रही है।
गिरोह का संचालन हाइवे पर ओवरलोड ट्रकों से अवैध वसूली का सरगना मधुबन होटल के मालिक धर्मपाल सिंह है, जो आरटीओ से सांठगांठ कर काम करते थे। शुक्रवार को एसटीएफ को सूचना मिली कि सरगना धर्मपाल सिंह अपने कुछ साथियों के साथ मधुबन होटल में मौजूद है, ढाबा मालिक मनीष सिंह, सिब्बू सिंह ढाबा पर है और रुपये के बंटवारे की बातचीत चल रही है। इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने आरोपितों को होटल से गिरफ्तार कर लिया।
यह हुई है बरामदगी
इन जिलों में फैला है नेटवर्क
गोरखपुर, बस्ती, बलिया, गाजीपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, संत कबीरनगर, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र, आजमगढ़, मऊ, वाराणसी, प्रयागराज, गोंडा, अंबेडकरनगर
इस तरह से रखते थे लेखा जोखा
विचौलिया सड़क पर वसूली का काम करते थे। रजिस्टर में ट्रक, डीसीएम, पिकप,्र ट्रेलर का महीना और सालवार हिसाब रखते थे। अवैध वसूली के बाद हर महीने एक व्यक्ति आरटीओ में जाकर अफसरों और कर्मचारियों को उसका हिस्सा देता था।